हाथ छुटे भी तो रिश्ते नहीं नहीं छोड़ा करते,
दौलत नहीं, शोहरत नहीं, न वाह वाह चाहिए, कैसे हो..? बस दो लफ्ज़ों की परवाह चाहिए !
दिल दे दो किसी एक को, वो भी किसी नेक को, यह कोई मंदिल का प्रसाद नहीं, जो बाँट ते रहे हर एक को, दिल देंगे किसी एक को वो भी किसी नेक को, जब तक गर्लफ्रेंड नहीं पट जाती, प्रोपोसे करेंगे हर एक को.
किसी ने रूठ कर गुस्से में शायद खींच दी थी,
नजर से नजर मिलने पर इश्क❤️ नहीं होता,❌
मुझे तेरा साथ… जिंदगी भर नहीं ❌चाहिये,
वो इश्क में शायद हमारा इम्तिहान ले रहे हैं,
ज्यादा वो नहीं जीता जो ज्यादा सालों तक ज़िंदा रहता है, बल्कि ज़्यादा वो जीता है जो ख़ुशी से जीता jaan se jyada pyar shayari है।
हम ✊जिन्हें याद करे उन्हें जरा सी खबर हो जाये.
इश्क ❤️में तेरा यकीन बन ✊जाऊं, दर्द में तेरा सुकूं,
जब तुम मिले तब इन लफ्जों को मायने मिले
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शमशेर बहादुर सिंह की प्रमुख रचनाएं कौन सी हैं? यहां देखें पूरी लिस्ट
किया था वादा आने का,लेकिन आप निभाना भूल गए, आग तो लगा दी मेरे दिल में,लेकिन बुझाना भूल गए.